मंगलवार, 4 अप्रैल 2023



 Skanda Purana.gyan

Skanda Purana Katha gyan : भगवान शंकर के बड़े पुत्र कार्तिकेय का ही एक नाम स्‍कन्‍द है। उन्हीं के नाम पर लिखा गया स्कंद पुराण। इसे महापुराण माना जाता है। पुराणों के क्रम में इसका तेरहवां स्थान है इसके खंडात्मक और संहितात्मक उपलब्ध दो रूपों में से प्रत्येक में 81 हजार श्लोक हैं। आओ जानते हैं इस पुराण की 7 खास बातेंकार्तिकेय यानी स्कंद द्वारा भगवान भोलेनाथ की महिमा का वर्णन करने के कारण इस पुराण का नाम स्कंद पुराण रखा पड़ा। साथ ही इस पुराण में विभिन्न तीर्थों की पूजा-पद्धति का भी जिक्र किया गया है। विवरण की दृष्टि से इसे सबसे बड़ा पुराण माना जाता है। वहीं स्कंद पुराण के भाग में तुलसी की महिमा को भी बताया गया है। इस पुराण में कई ऐसी नियम बताए गए हैं जिनसे आमतौर पर लोग अनजान होते हैं। और इन्हीं बातों से अनजान होने के कारण लोग कई बार ऐसी भूल कर बैठते हैं जो उनके जीवन में समस्याओं का कारण बन सकती है। तो आइए जानते हैं स्कंद पुराण की वे कौन सी 3 बातें हैं जिनका पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होने की मान्यता है... पुराण और शास्त्रों में तुलसी को बहुत ही पवित्र और पूजनीय पौधा माना गया है जिस घर में तुलसी का पौधा लगा होता है और जल अर्पण के साथ ही तुलसी की नियमित पूजा होती है, इस परिवार के सदस्यों को यमदूत की यातनाओं का भय नहीं होता और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


भगवान की पूजा में कभी भी सूखे पुराने फूल और बासी जल का प्रयोग नहीं किया जाता। लेकिन स्कंद पुराण के अनुसार तुलसीदल और गंगाजल कभी भी बासी नहीं होते। यह दोनों चीजें हमेशा ही पवित्र मानी जाती हैं। इसलिए इन्हें पुराना समझ का फेंका नहीं जाता।


 

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4 जुलाई सोमवार को स्कन्द षष्ठी है, जिसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विधान है। नवरात्रि में नवदुर्गा के पांचवें रूप की पूजा कुमार कार्तिकेय की माता के रूप में होती है। तभी तो वो देवी स्कंदमाता कहलाती हैं। कहते हैं कि स्कंदमाता कुमार कार्तिकेय के पूजन से जितनी प्रसन्न होती हैं, उतनी स्वयं के पूजन से भी नहीं होती। स्कंद शक्ति के अधिदेव हैं, देवताओं ने इन्हें अपना सेनापतित्व प्रदान किया है। मयूर पर आसीन देव सेनापति कुमार कार्तिकेय की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा होती है व यहां पर यह मुरुगन नाम से विख्यात हैं। प्रतिष्ठा विजय, व्यवस्था, अनुशासन सभी कुछ इनकी कृपा से संपन्न होते हैं। स्कंद पुराण के मूल उपदेष्टा कुमार कार्तिकेय ही हैं तथा यह पुराण सभी पुराणों में सबसे विशाल है"स्कंद पुराण" भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है। यह पुराण शिव पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) के बारे में है और इसमें महत्वपूर्ण धार्मिक विषयों, तीर्थ स्थलों, मन्दिरों और संस्कृति के विषयों के बारे में भी बताया गया है।

इस पुराण के अनुसार, स्कंद शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं और उनका जन्म भगवान शिव द्वारा शक्ति से उत्पन्न कराया गया था। इस पुराण के अनुसार, स्कंद देवताओं के सेनापति हैं और उन्हें सभी देवी-देवताओं का सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

इस पुराण में धर्म, आचार्य, कर्म, ध्यान, मोक्ष और कई अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। इसके अलावा, इस पुराण में भारत के कुछ महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों और मंदिरों के बारे में भी बताया गया है।

स्कंद पुराण भारतीय संस्कृति

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