शनिवार, 1 जुलाई 2023

मणिपुर: एक आकर्षक संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर

 एक मणिपुर के राज्य, इंफाल, वाही लोकतंत्रिक विचारधारा वाले एक उपनगर जैसे एक नगरी में स्थित है, मणिपुर अद्यतन भारत में छठे सबसे छोटा राज्य है।

मणिपुर इंफाल घाटी में स्थित है, जिसे बांगलादेश के उत्तरी द्वीप समूह से पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

मणिपुर में मणिपुरी भाषा और अलगाववादी विचारधारा के अनुयाय बासने वाले लोग बसे हैं।

एक रोचक तथ्य: मणिपुर भारत का एकमात्र राज्य है जिसमें एक मातृभूमि की भूमि है। यह भूमि ब्रह्मपुत्र और इरावदी नदियों द्वारा घिरी हुई है।

एक रोचक तथ्य: मणिपुर राज्य भारत में खजुराहो के बाद दूसरा सबसे अधिक मंदिरों का राज्य है। यहां पर अनेक प्राचीन मंदिर स्थित हैं जो संस्कृति, कला और धार्मिक महत्व के केंद्र हैं। इन मंदिरों में श्री श्रीश्री गोविंदाजी मंदिर, कैंगलेन मंदिर, लोकेश्वर मंदिर और श्री श्री श्री संबरो मंदिर प्रमुख हैं।

मणिपुर राज्य भारत का एक उच्च उपमहाद्वीपीय राज्य है। यह राज्य नॉर्थईस्ट भारत में स्थित है और असम राज्य के दक्षिण में स्थित है। मणिपुर राज्य का नाम 'जगमणिपुर' से लिया गया है, जो कि देवी मणिपुर की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।


मणिपुर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे महाभारत काल से उल्लेखित किया गया है। यहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाते हैं। मणिपुर में कुछ मुख्य शहरों में इंफाल, थोबाल, उकरोल, आरा, एचेजिंग और काकचिंग शामिल हैं।


मणिपुर का संघीय ढांचा भारतीय संघ के अनुसार होता है, जहां एक मुख्यमंत्री और गवर्नर के द्वारा चलाया जाता है। इसकी अर्थव्यवस्था की मुख्य स्रोत खाद्यान, पशुधन, कृषि और पर्यटन से जुड़ी है। मणिपुर के लोग मणिपुरी नामक भाषा बोलते हैं और धर्म के मामले में ज्यादातर हिंदू और वैष्णव मान्यताएं मानते हैं।

यहा

नगर, मण्डिर, महल, वनस्पति और पशुपक्षियों के बीच के संग्रहालय आदि महत्वपूर्ण स्थान हैं। मणिपुर की आधिकारिक भाषा मैथिली है, लेकिन मणिपुरी और हिंदी भी यहां बोली जाती है।


मणिपुर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत मणिपुरी नृत्य, लोक गीत, संगीत, परंपरागत वस्त्र और शिल्प को शामिल करती है। राज्य में यहां के स्थानीय लोगों के नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें मणिपुरी ठांग-टाल और रासलीला नामक प्रमुख परंपराएं शामिल होती हैं।


मणिपुर का प्रमुख धार्मिक स्थल माता केरा पुजा स्थल, श्री श्रीश्री गोविंदाजी मंदिर, श्री श्रीश्री गोविंदाजी रास मंदिर और खोंगजेमी उपासना स्थल शामिल हैं। यहां के धार्मिक स्थलों को भक्त और पर्यटक द्वारा आदर्श स्थल माना जाता है।


मणिपुर का इतिहास और संस्कृति उसके आदिमानवीय संबंधों, राजनीतिक और साम्राज्यिक वर्षों, और आधुनिकता के दौर में हुए परिवर्तन

के साथ जुड़ा हुआ है। इतिहास के प्रमुख घटनाओं में मणिपुर का माना जाता है कि यह छहवीं शताब्दी ईसापूर्व में मणिपुर के राजा पक्केश्वर योगचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। उसके बाद से राज्य में कई शासकों की शासनकाल रही हैं और उनके द्वारा विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हुए हैं।


17वीं शताब्दी में मणिपुर में राजसत्ता नेताओं के बीच यूरोपीय कंपनियों की आगंतुकता हुई, और बाद में इसका प्रभाव अंग्रेजों के बढ़ते हुए आदिम व्यापारिक हुकुमत के साथ बढ़ा। ब्रिटिश शासनकाल में, मणिपुर को राज्य में संघीय प्रदेश का दर्जा प्राप्त हुआ और सन् 1947 में भारतीय संघ का एक अवाधिक राज्य बना।


मणिपुर की संस्कृति में बांपगानी, रास लीला, लोक नृत्य, वाद्ययंत्र, परंपरागत शिल्प और वस्त्रों की कला शामिल हैं। मणिपुर के विशेष वस्त्र जैसे फिषोना, फैरी, सारी और लंगोती देशी और आकर्षक होते हैं। साम्राज्यिक वास्त


मणिपुर में कई प्राचीन महल, मंदिर और पर्यटन स्थल स्थित हैं। इंफाल, राजधानी शहर, एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां आपको खूबसूरत मणिपुरी गार्डन, इंफाल जिले के कैंगलेन और लोकतांत्रिक लोक मेले की यात्रा का आनंद मिलेगा।


मणिपुर का एक मशहूर प्राकृतिक स्थल केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान है, जहां आपको वन्यजीवों का अद्भुत संग्रह देखने का मौका मिलेगा। यहां पर आप पहाड़ों, झरनों और नदियों के बीच ट्रेकिंग और जंगली सफारी का आनंद ले सकते हैं।


मणिपुर के पुराने राजमहलों में श्री श्रीश्री गोविंदाजी मंदिर और लोकप्रिय ईमा के लैंग्लेय का महल शामिल हैं। यहां आप महाराजा के सुंदर आदर्श वास्तुशिल्प, उद्यान और मार्गनिर्माण का आनंद ले सकते हैं।


मणिपुर में अपने आप में एक विशेष अनुभव है, जहां आप प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का आनंद ले सकते हैं। यहां के लोग अपनी स्थानीय री

और रिवाजों को गर्व से बनाए रखते हैं और आपको अपने साम्राज्यिक और आदिम इतिहास का विवरण सुना सकते हैं। यहां के लोग अपनी परंपरागत खाद्य पदार्थों और स्थानीय स्पेशलिटीज़ का आनंद लेते हैं, जिनमें मणिपुरी थाली, कबोक और सिंगजू शामिल हैं।


इसके अलावा, मणिपुर में विभिन्न फेस्टिवल और मेले आयोजित होते हैं जैसे याईपाक, लाई हरोबा, रासलीला महोत्सव और सांगाई फेस्टिवल। इन उत्सवों में रंग-बिरंगे परिधान, नृत्य, संगीत और खाद्य पदार्थों का आनंद लिया जाता है।


मणिपुर की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसे भ्रमण का आदर्श स्थान बनाने के लिए पर्यटकों को विविधता, सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। मणिपुर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धन, प्राकृतिक सौंदर्य और आदिम विरासत उसे एक आकर्षक और पर्यटन स्थल बनाते हैं।

मणिपुर भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य है जो पूर्वी हिमालय की पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह छह माह की मुख्य बरसाती ऋतु के लिए जाना जाता है, जिससे यहां की प्राकृतिक सौंदर्य को और भी बढ़ाया जाता है। मणिपुर का समुद्री तट नहीं होने के कारण, यहां शानदार पहाड़ी दृश्य, घाटियों, नदियों और झीलों का आनंद लिया जा सकता है।


मणिपुर का इतिहास विशाल है और यह अपने ऐतिहासिक वारसे के लिए मशहूर है। यहां प्राचीन काल में कई राजवंशों का अधीन रहा है, जिनमें मणिपुरी राजवंश, काबा राजवंश, लेइबाक राजवंश और चकानगाम राजवंश शामिल हैं। इन राजवंशों ने मणिपुर की राजनीति, संस्कृति और कला को संवारा है और इसकी ऐतिहासिक महत्वपूर्णता को बनाए रखा है।


मणिपुर की संस्कृति विशेष रूप से मणिपुरी नृत्य, थांगटाल नृत्य, संगीत, कथा-गोष्ठी, वाद्ययंत्र और शिल्प को बढ़ावा देती है। मणिपुरी नृत्यप्रसिद्ध है।



कोई टिप्पणी नहीं:

Sell Online Products in the USA: 2025 में ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचने की पूरी गाइड (A to Z Guide

  Sell Online Products in the USA: 2025 में ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचने की पूरी गाइड (A to Z Guide  USA में ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचने का आसान तरीक...