गुरुवार, 22 जून 2023

Krishna. कृष्णा कृष्णा


 Krishna.


कृष्णा

कृष्णा भगवान विष्णु के एक अवतार माने जाते हैं। वे हिन्दू धर्म के महानतम और प्रसिद्ध देवता माने जाते हैं। कृष्णा की जन्म कहानी बहुत प्रसिद्ध है। उनका जन्म मथुरा में हुआ था और उनके पालक नंद और यशोदा थे।




कृष्णा ने अपने बचपन में विभिन्न लीलाओं को खेले जो उनकी अद्भुतता और ब्रह्मग्यान को प्रकट करती थीं। उनकी मधुर बांसुरी की ध्वनि, गोपियों के संग रास लीला, नंदगांव के गोपों के साथ चुरायी गई माखन और उनकी बाल लीलाएं हमेशा से लोगों को मोह लेती आई हैं।


कृष्णा ने भगवद् गीता के रूप में महाभारत में अर्जुन को ज्ञान का उपदेश दिया था। उनके वचन और उपदेश मनुष्य जीवन के अद्वितीय मार्गदर्शक हैं।


कृष्णा को यशोदा के पुत्र, गोपाल, माखन चोर, राधा का प्रेमी, व्रज वासी, योगेश्वर, मोहन, मुरलीधर, माधव, गोविंद, कान्हा आदि नामों से पुकारा जाता है।


कृष्णा की जीवन गाथा और उनके महान कर्मों के विषय में कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा कुंभ मेले में माखन चोरी की कथा, कालिंदी नगर में नागराज कांस का वध, महाभारत में द्वारका नगरी की स्थापना, गोवर्धन पर्वत के उठान, श्रीमद् भागवतम् की कथा आदि महत्वपूर्ण हैं।


कृष्णा के अद्भुत रूपों में श्याम स्वरूप, गोपाल रूप, विष्णु रूप, राधा कांत रूप, मुरलीधर रूप, माखनचोर रूप, बांसुरीधारी रूप, मोहन रूप आदि विख्यात हैं। वे प्रेम, सुंदरता, ब्रह्मचर्य, आनंद, ज्ञान, धर्म और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं।


कृष्णा के जीवन की उपयोगी सीखों में से एक है कि वे निरन्तर मनुष्यों की सहायता करने के लिए उपस्थित रहते हैं। उन्होंने मानवता को अधर्म से सत्य की ओर प्रवृत्त करने के लिए धर्म के मार्ग पर चलने का प्रेरणा दिया।


कृष्णा की पूजा और उनका स्मरण भक्ति योग के रूप में मान्यता प्राप्त है। उनकी भगवान के र


ूप में आराधना और प्रेम का विशेष महत्व है। उनके नामों का जाप, भजन, कीर्तन, और उनकी लीलाओं के वर्णन से उनके भक्तों को मनोयोग और चित्तशांति मिलती है।


कृष्णा के उपदेशों में प्राणायाम, ध्यान, भक्ति, वैराग्य, निष्काम कर्म, समता, आदर्श जीवन और संयम जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांत शामिल हैं।


उनके जीवन और उपदेशों का महत्वपूर्ण पहलू रासलीला है। रासलीला में कृष्णा गोपियों के संग वृन्दावन के मैदान में नृत्य करते हैं और उनके सौंदर्य और प्रेम की महिमा का अनुभव करते हैं। इसे प्रेम के उच्चतम आदर्श के रूप में माना जाता है, जिसे प्राप्त करने के लिए मन, शरीर और आत्मा का संयोग आवश्यक होता है।


कृष्णा की जन्माष्टमी और होली जैसे त्योहार उनकी महिमा का प्रतीक हैं। लोग इन त्योहारों में उनके जन्म और लीलाओं की याद में उनका पूजन, भजन, कीर्तन, और रसलीला का आयोजन करते हैं।


कृष्णा एक ऐसे दिव्यत्व का प्रतीक ह


ैं, जो व्यापक रूप से हिन्दू धर्म में पूज्य है। उनकी आराधना से भक्तों को आनंद, शांति, संतोष और आत्मिक संयम की प्राप्ति होती है। उनकी ज्ञान और प्रेम से जीवों को मुक्ति की प्राप्ति होती है।


कृष्णा के अनुयायी उनकी लीलाओं, कथाओं, और उपदेशों का अध्ययन करते हैं और उनके अनुसार जीवन जीने का प्रयास करते हैं। उन्हें मान्यता है कि भगवान कृष्णा के दर्शन और साधना करने से मानव जीवन में संतोष, समृद्धि और सामर्थ्य मिलता है।


इस प्रकार, कृष्णा भगवान के विशेषताएं और उनके लीलाएं उन्हें एक प्रमुख देवता बनाती हैं, जिन्हें हिन्दू धर्म में गहरी श्रद्धा और आदर से मान्यता है। उनके भक्तों के लिए कृष्णा का नाम एक पवित्र मन्त्र है, जो उन्हें दिव्य आनंद और मुक्ति की प्राप्ति में मदद करता है।

कृष्णा रिक्ति

मैं यहां हूँ तुम्हारे पास,

प्रेम का प्रवाह लेकर अपार,

गोपियों के मन में लहराता हूँ,

वृंदावन की रास लीला गाता हूँ।


मधुर बांसुरी का स्वर सुना,

गोपियों को मदहोश कर जगमगा।

माखन चुराकर खेलता श्याम,

हरे कृष्णा की मूरत जगाता हूँ।


गोकुल की गलियों में घूमता हूँ,

नंद के दुलारे, यशोदा के प्यारे।

मुरली की मिठास बरसाता हूँ,

रास रचाता हूँ, गोपियों को भाता हूँ।


मधुर श्रीदाम, मधुर मोहन,

मधुर दरशन, मधुर स्वरूप।

तुम्हारे नाम से जग में खुशी,

कृष्णा राधा की प्रेम कहानी सुनाता हूँ।


जगदीश कृष्णा, मोहन मुरारी,

हरे राम, श्याम संसारी।

तुम्हारे भक्तों का दुःख हरता,

भक्ति की प्रेरणा प्रदान करता हूँ।


कृष्णा, तेरी लीला अमर है,

तेरा नाम जपते हैं हम सदा।

भक्ति की राह पर चलाते हैं हम,

तेरे प्रेम की माला बुनाते हैं सदा।

मुरली का ध्वनि सुनते हैं नगर-नगर,

तेरे लीला गाते हैं सब नगरी-नगरी।

गोपियों के मन को चुराते हो तुम,

माखन चुराकर खाते हो तुम।


यशोदा माता के आँचल में खेलते,

मिटाते दुःखों के सब गहरे रंग।

प्रेम की अमृत रस बरसाते हो तुम,

हृदय को दिलाते हो तुम सदा आनंद।


अर्जुन को गीता का उपदेश दिया,

विषाद मोह को हराया हर दिन।

मन में ज्ञान की ज्योति जगाते हो तुम,

मानवता के मार्ग पर चलाते हो तुम।


राधा के मन को मोहित किया तुमने,

वृंदावन में अनंत प्रेम किया तुमने।

गोपियों के संग रास रचाते हो तुम,

प्रेम की मधुरता का आभास दिलाते हो तुम।


हे कृष्णा, तेरे चरणों में हमेशा,

शरणागत हृदय से पुकारते हैं।

प्रेम और आनंद की अनुभूति पाते हैं,

तेरे नाम की महिमा गुनगुनाते हैं।


कृपा करो, हे कान्हा, हम पर अपार,

तुम्हारे चरणों में आत्मा समर्पित है।

अवगुणों को दूर कर, प्रेम बरसाओ,

हमेशा तुम्हारी आराधना करते हैं।


कोई टिप्पणी नहीं:

कौन-कौन बनना चाहता है India में EARN MONEY का बादशाह? 💸 (और कैसे बनें, ये भी जानिए!)

  कौन-कौन बनना चाहता है India में EARN MONEY का बादशाह? 💸 (और कैसे बनें, ये भी जानिए!) Earn Moneyमें पैसे कमाने केइतने तरीके हैं कि गिनते-ग...